अब बातें खुल कर सामने आ रही हैं / रक्षा सौदों में घोटाले नेहरु के जमाने से ही चली आ रही हैं / १९८६ (राजीव-काल) से घोटालों में और तीव्रता आयी / बाजपेयी-शासन भी बदनाम रहा / उनके सुरक्षा-सलाहकार ब्रजेश मिश्र की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए / और अब वर्तमान शासन तो पराकाष्ठा पर पहुंचा हुआ है /
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