Wednesday, August 5, 2020

Ram Mandir A Turning Point For Hindus

राम जन्म भूमि पर AIMPB के कई ट्वीटस् देखे जो हिंदुओं और हिंदुस्तान के खिलाफ किए गये हैं। मुसलमानों ने "डायरेक्ट एक्शन" किया। हिंदुओं के विरुद्ध नरसंहार किया। 1946 प्रांतीय चुनावों में 99% भारत के मुसलमानों ने मुस्लिम लीग को वोट दिया। इस ब्लैकमेलिंग के कारण धर्म के आधार पर अंग्रेजों ने भारत के दो भाग किए। एक मुसलमानों को दिया जिसे उन्होंने Islamic Republic of Pakistan बनाया, हिंदुओं का सफाया कर दिया तथा लाखों मंदिरों को ध्वस्त कर दिया। लेकिन जो कटा हुआ भूभाग मिला वह अंग्रेजों,गांधी और नेहरू के कपटपूर्ण षड्यन्त्र के कारण हिंदुओं को नहीं मिला और तथाकथित सेकुलर देश बना जिसमें 8% मुसलमानों को भी रख लिया गया जो आज 30% हो गए हैं। लोकमान्यता है कि नेहरू मुसलमान था और गांधी का एक बेटा भी मुसलमान था। कहने का तात्पर्य यह कि वादे के मुताबिक हिंदुओं को अपना देश नहीं मिला। CAA, Article 370, तीन तलाक़, राम जन्म भूमि पर अधिकांश मुसलमानों की राय तथा मनोवृत्ति देश और संविधान के विरुद्ध है। ऐसे मुसलमानों को भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है जो देश के ग़द्दार हैं। संविधान में संशोधन कर के ऐसे तत्वों के मताधिकार छीने जानें चाहिए। सिर्फ़ वही मुसलमान भारत के नागरिक हो सकते हैं जिनकी अटूट निष्ठा भारत,इसकी प्राचीन विरासत, संस्कृति और संविधान में हो। हिंदुओं को एक होकर सेकुलरिज्म की तिज़ारत करने वाले राजनीतिक दलों का बहिष्कार करना होगा। उन राष्ट्रद्रोही हिंदुओं को भी दंडित करना होगा जो टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ रहते हैं। अन्यथा भारत को मिटते देर नहीं लगेगी। क्यों कि इस्लाम एक राजनैतिक विचारधारा है जिसमें हर ग़ैर मुसलमान काफ़िर है जिसे जीने का हक़ नहीं है। राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय इतिहास से जो सबक नहीं लेते उनकी भावी पीढ़ियां उन्हें माफ़ नहीं करतीं।